चाचा ने फाड़ी मेरी चुत और अपनी रखेल बना लिया Chacha Bhatiji Sex
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मेरा नाम काजल तिवारी है। मैं इंदौर में रहने वाली हूं। मैं अब जवान और मस्त गर्ल हो गई थी। आज आप अपनी आपबीती सुना रही हूं। मेरा एक भाई भी है. कुछ साल पहले मेरे पापा की कैंसर से मौत हो गई और माँ भी चल बसी। फिर मैं चाचा और चाची के साथ ही रहने लगी। दोस्तों अब मेरा फिगर 34 30 36 का हो गया था। मैं जवान और सेक्सी माल हो गई थी। मेरी गांड के पीछे से सनी लियोन की तरह उभरी हुई थी और चुचे भी काफी रसीले और बड़े बड़े हो गए थे। जब आस पास के जवान लड़के मुझे लाइन देने लगे तो मेरे चाचा भी मेरी जवानी के पीछे दिवाने हो गये।
एक रात मुझे 11 बजे बड़ी ज़ोर की पेशाब लगी। जब मैं शौचालय में गयी तो मैंने देखा। मेरे चाचा जी अपनी पेंट और कच्छा उतारकर खड़े हैं और अपने 8" लंबे और 2" मोटे लौड़े को फेट रहे थे। “ओह काजल!! अपनी चूत एक बार दे!! बस एक बार अपनी रसीली चुत को दे दे भतीजी!!'' जब मैंने अपना नाम चाचा के मुंह से सुना तो सब बातें साफ हो गई थीं। मेरे चाचा मेरे यौवन रस को चूसना चाहते थे। इसलिए अब मैं पहले से ज्यादा सावधान हो गयी थी।
एक दिन मेरी चाची ने मुझे खाना दिया और बोला की चाचा को दे आयूं। मैं अपने मस्त मस्त 34” के बड़े दूध पर दुपट्टा डालना भूल गयी मेरे चाचा ने बहुत अधिक नशा कर रखा था। चाचा की नजर मेरे मस्त मस्त दूध पर चली गई। उसी समय उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपने पास खींच लिया। मेरे गाल पर जबरदस्ती चुम्मा लेने लगे। “ये आप क्या कर रहे हो अंकल???” मैंने गुस्से में पूछा कि वो शराब के नशे में आ गए थे।
जरा अपना फिगर देखो। तू चोदने लायक मस्त लौंडिया है। बेटी!! मैं बहुत मजा और प्यार देना चाहता हूं” इतना बोलकर मेरे कमीज के ऊपर से दूध हिलाने लगे। मैं आगबूला हो गयी और खींच कर चाचा के गाल पर एक चांटा मार दिया। आवाज सुनकर चाची भी आ गयी। “देखो ना चाची जी!! चाचा मेरे साथ जबरदस्ती कर रहे हैं” मैं बोली और फिर रोने लगी।
ये बात सुनकर मेरी चाची बहुत बिगड़ गई और एक झाड़ू लेकर चाचा की धुनाई करने लगी। और भी बहुत कुछ। मेरे शराबी चाचा का पूरा नशा उतर गया। उस दिन तो मैं किसी तरह से बच गयी। पर अब चाचा जी मेरे दुश्मन बन गये। अब मैं वह सावधान रहने लगी।
मेरा चक्कर मेरे ही पड़ोस के एक लड़के से चल रहा था। हम दोनों के छतं की दीवार एक ही थी। हम दोनों रोज़ शाम को एक-दूसरे से बहुत बातें करते थे। एक दिन उसने मुझे सेक्स करने के लिए कहा और मैं मान गई उसने तुरंत मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मेरी कमीज ऊपर उठाकर मेरी चूचियों को मुंह में ले लिया अंधेरा भी हो गया था इसलिए कोई हमें देख नहीं सकता था ।
अचानक से चाचा जी सीढिय़ों की छत पर आ गए और मुझे और शोभित को एक साथ देख लिया। "हरामखोर लड़की" उन्होंने तेज आवाज में कहा उस वक्त शोभित मस्ती से मेरे दूध मुंह में लेकर चूस रहा था। चाचा तेज कदमों से हम दोनों के पास आए और शोभित को पकड़ लिया और उसके गाल पर चांटा जड़ दिया। वो कुछ मार खाने के बाद भाग गया। चाचा ने दो चांटे मेरे गाल पर मारे में गिर गई।
जल्दी से मैंने अपनी सलवार कमीज़ को सही किया। बड़ी सती सावित्री बनती है।चल अब तेरे गुलछरो की बात तेरी चाची को सुनाता हूँ!!" चाचा जी सलगती आँखों से घूर कर बोले और मेरा हाथ पकड़ कर नीचे ले जाने लगे। मैं चाची के सामने शर्मिंदा नहीं होना चाहती थी। इसलिए अब चाचा को पटाना जरूरी था। मैंने जल्दी से अपनी कमीज को फिर से ऊपर उठाया और चाचा जी को अपने मस्त मस्त आम दिखा दिये।
“चाचा जी!! मेरी माँ की कसम!! आप मेरे साथ जो करना हो कर लो पर चाची से मेरी शिकायत मत करना'' मेरे दोनों टाइट दूध चाचा को दिख रहे थे तब जाकर वह मान गये। रात के 12 बजे वो शांति से उठे और दबे पाँव मेरे कमरे में आ गये। उसके बाद मेरे बगल में लेट गये। मैं रात में लाल रंग की मैक्सी पहनी थी। चाचा ने मुझसे पकड़ लिया और बाहों में भर लिया। उसके बाद उन्होंने मेरी मैक्सी उतार दी। अपनी शर्ट पेंट उतार दी और अंडरवियर उतार कर बिल्कुल नंगे हो गए। जब मैंने उनका लौड़ा देखा तो यकीन ही नहीं कर पा रही थी। 8” का किसी काले नाग जैसा लौड़ा था। मैं बैगनी ब्रा और उसी रंग की चड्डी में थी। मेरे जिस्म को चाचा जी ने अंदर से देखा तो देखते ही रह गए।
मुझे पकड़ लिया और सब जगह बेताबी से चुम्मा ले लिया। मेरी पेंटी तिकोनी थी इसलिए मेरे बड़े बड़े सेक्सी कुल्हे और 36” की गांड साफ साफ दिख रही थी। चाचा जी मेरी गोरी गोरी बाहों को, मेरे कंधों पर चुम्मा देने लगे। फिर मेरे पैर और सफ़ेद चिकने जांघों को हाथ से हिलाने लगे। उन्होंने आज भी शराब पी रख थी। उन्होंने मेरी ब्रा और पैंटी को भी उतार किया। अब मैं बिल्कुल नंगी थी।
अब वह मेरे सेक्सी जिस्म को नोचने लगे। मेरे बड़े बड़े बूब्स को हाथ में लेकर जोर से मसलने लगे। मैं अब फिर से “आआ आउघ्घ्ह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” जैसे जा रही थी। चाचा मेरे सेक्सी जिस्म से खेल रहे थे। मेरी बेताब जवान रसभरी चूची को दबाकर मुझे मीठा मीठा दर्द देने लगे। फिर दूसरे दूध को मुंह में लेकर चूसने लगे। अब मुझे भी बड़ा सेक्सी लगने लगा। मेेरे दूध बहुत बड़े थे।
सी सी सी सी.. हा हा हा चाचा जी आराम से चुसो!! काटो नहीं !!'' वो शराब के नशे में किसी चोदू मर्द की तरह पेश आ रहे थे। करीब 30 मिनट तक उन्होंने मेरे दूध को चूसा और मुझे सेक्स करने के लिए मदहोश कर दिया। मैं अब गर्म होने लगी। मेरी चुत से ही पानी आने लगा। “ओह चाचा!! आज फाड़ दो मेरी चूत!! मैंने कहा और चाचा के मुंह को दोनों दूध के बीच में दबा दिया।
दोस्तों मेरी चूत पर आधा इंची की झांटे थी। मेरी चूत बड़ी मालकिन थी। चाचा मेरे चुत में जीभ लगा चाटने लगे। इससे मैं फिर से गर्म होने लगी और “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलने लगी। चाचा ने 10 मिनट मेरी चूत को किसी दूध मलाई की तरह चाट दिया फिर अपना 8” मोटा लंड मेरी चुत पर लगा दिया। चाचा के लौड़े का सुपारा तो बड़ा था जो जल्दी ही चुत के अंदर जाने का नाम नहीं ले रहा था। पर चाचा भी चोदू मर्द थे। कुछ देर बाद उन्होंने अपना आधा लैंड मेरी चुत में घुसा दिया।
चाचा आप ने तो मेरी भोसड़ी आज फाड़ दी आहा आह ओह” में दर्द से कराहने लगी। तभी चाचा ने शराब के नशे में दूसरा धक्का दे दिया और अपना 8” काला नागराज मेरी चूत में दे दिया। मैं दर्द से कांप गयी। चाचा दर्द में मुझे चोदने लगे। मैं ऊं उंह करने लगी. मेरा बुरा हाल हो गया। अभी तो मेरा चुत खुला ही था। फिर धक्के पर धक्का देते रहे और कसके चोदने लगे।
मैंने दर्द से बचने के लिए अपने मस्त मस्त गोल चुचियों को पकड़ लिया और खुद ही दवाने लग गई। चाचा अपनी कमर उछाल कर चुत पेल रहे थे। मैं “उ उ उ उ……अअअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….फाड़ दी मेरी चूत!! फाड़ दी मेरी चूत!!” यह कहकर चिल्ला रही थी। चोदते चोदते कुछ देर बाद वह है मेरी ही चुत में छड़ गए। अपना गिलास लंड चूसने के लिए कहने लगे।
थोड़ा घिनौना लग रहा था पर मैं भी बहुत गर्म और कामुक हो गई थी इसलिए मैंने उनके काले 8” लंबे और 2” मोटे नागराज को पकड़ लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी। अंकल जी....उंह ऊंह उंह हूं.. हूं... करने लगे. मैं भी चुदासी हो गई और उनके लौड़े को जल्दी जल्दी हाथ लेकर फेटने लगी। मुँह में लेकर चूसने लगी।
उसके बाद जब दिल करता है रात में मेरे कमरे में आ जाते है और अपनी प्यास बुझा लेते है। कभी मेरी गांड मारते तो कभी मेरी चुत, चाचा ने मेरी गांड और चुत को चोद चोद कर भरता बना दिया। अब मैं भी चाचा की चुदक्कड़ भतीजी बन गई। चाची को इसकी जानकारी नहीं है। आपको स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं
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