जेठ जी ​​ने रात भर छत पर चूत चाटकर चोदा - Jeth Bahu Sex Kahani

 मेरा नाम नीतू है मैं 32 साल की खूबसूरत गदराई, आकर्षक और सेक्सी महिला हूं। मैं 36 इंच की ब्रा पहनती हूं पर मेरी कमर 32 इंच की है और चुतड़ चौड़े, लम्बी गर्दन, लम्बे बाल और मैं खुद लंबी हूं। मेरे पति सरकारी जॉब में है और मैं गांव में अपने बच्चों के साथ रहतीं हूं। वह जब कभी भी गांव आते हैं तो मुझे बहुत चोदते हैं।  मेरे चचेरे जेठ जी जो शहर में रहते हैं गाँव आये थे। और उसी दिन मेरे गांव में बिजली नहीं थी। रात को वो मेरे यहां ही खाये थे तो मैंने कहा था कि भैया तुम भी यही सो जाओगे तुम्हारी छत गंदी होगी। ऐसे भी रोशनी नहीं है तो आपको भी छत पर ही सोना होगा। हम सब छत पर आकर लेट गए। मेरे बच्चे जल्दी सो जाते हैं। तभी जेठ जी बोले पहले लोग बातचीत करते थे एक दूसरे का दुःख सुख बाँटते थे पर लोग एक साथ रहने पर भी बात नहीं करते सब लोग मोबाइल पर लगे रहते हैं। फिर हम दोनों में बातचीत होने लगी सुख दुःख बांटने लगे। उन्होंने आपसे पूछा कि किस चीज की कमी है तो मैंने कहा भैया पहले आप बताएं। तो उन्होंने कहा कि आपकी दीदी का व्यवहार ठीक नहीं है। मैंने खुल कर पूछ लिया फिर आपकी सेक्स लाइफ ठीक नहीं चल रही है। ...

सौतेले बाप ने खूब चोदा मुझे और मैं भी मजे लेकर चूदी Baap Beti Sex

 मेरा नाम सिया है. मैं देहरादून में रहती हूं। मैं बचपन से ही बहुत खूबसूरत थी। इस समय मेरी उम्र 21 साल है। मेरी माँ भी कुछ कम नहीं है। वो भी खूबसूरती की मिसाल है। मेरे पापा का एक्सीडेंट हो गया था जब मैं छोटी थी। बचपन से ही मैं बिना बाप के थी। मेरी मां ने एक साल पहले किसी अमीर से शादी कर ली थी।  मेरा गदराया बदन देखकर मेरा बाप भी मेरी जवानी का मजा लूटना चाहता था। मैं भी अपनी माँ की तरह माल हो गयी थी। पापा मेरे को देख कर हमेशा घुरते रहते थे। हर रात वो माँ के साथ चुदाई करते थे। मैं आज भी उनके पास सोती थी। हर रात चुदाई की आवाज को सुनती थी।

मैं रात में देर से सोती थी। पापा को अपने हवस को शांत करने का मौका भी नहीं मिला। वो तो मेरा सौतेला बाप था। एक दिन मेरे सामने ही माँ के साथ खेलना शुरू कर दिया। वह मेरे समने ही मां के बूब्स दबाने लगे। जैसे ही मां ने मुझे यह करते देखा तो तुरंत ही पापा को पीछे धकेल दिया। मैं चुपचाप लेटी थी. माँ ने मेरे को बीच में कर दिया। मेरे दोनों बगल वाले लोग लेट गये। पापा ने मुझे प्यार से सहिलाकर चिपका लिया। उनका लंड मेरी कमर पर टच कर रहा था। 

सभी लोग रजाई ओढ़ के लेटें थे। पापा तो उस दिन सो गए लेकिन मेरे अंदर लंड को देखने की पीड़ा छोड़ दी। मैं देख रहा था कि व्याकुल हो गई थी। उस रात मैंने पापा के लंड को हाथ से भी हिलाया था। मैं रात भर अपनी चूत खुजाती रही। अगले दिन मम्मी मामा के यहां किसी काम से चली गई। घर पर पापा के साथ बैठी हुई थी। मेरे को उनकी नज़र बड़ी अजीब लग रहे थे। मेरे को घूरते हुए मेरी दोनों चुचियों को ताड़ रहे थे।

तभी पापा को कोई काम याद आ गया और वो अपने काम पर चले गये। मेरे अंदर चोदने की प्यास बढ़नी ही जा रही थी। शाम को पापा आ गये। मैंने खाना बनाया और हमने एक साथ खाना खाया। रात के करीब 10 बजे हम लोग सोने चले गये। फिर वह धीरे-धीरे आकर मुझसे प्यार करने लगे जैसा मम्मी से करते थे। मैंने उनसे मना किया पापा यह है क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा बेटा तुझे प्यार कर रहा हूं तुझे जवानी का एहसास दिला रहा हूं। अब मुझे करने दो मेरे पापा ने कहा ।

 मेरे बदन को मसलते हुए हिलाने। मैं भी धीरे-धीरे उनकी तरफ खिंचने लगी। मैं पापा की तरफ पलटने लगी। वो मेरे को अपनी बाहों में जकड़ कर प्यार से किस करने लगे। अब मुझे भी मजा आने लगा और मैं गर्म होने लगी। वो तो पहले से ही मेरे हुस्न के दीवाने थे। शादी वो माँ के साथ ही पसंद थे लेकिन सुहागरात हम दोनों के साथ मनाना चाहते थे। आज मेरे साथ सुहागरात का मजा लेना चाहते थे।

पापा: क्या मस्त माल लग रही हो। आज तो तुम अपनी माँ से भी खूबसूरत लग रही हो।

आज मेरे लंड का सपना पूरा होने वाला था। पापा मेरे को लंड देंगे ये मैंने सोचा ही नहीं था। उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और अपना कुर्ता निकाल लिया। जोश में उन्हें सर्दी का भी एहसास नहीं हो रहा था। मेरे गुलाबी होंठों को वो जोर जोर से चुसकर मेरे अंदर के हवस को जगा रहे थे। मैं सिसकती हुई अपने होंठों को चुसवा रही थी। वो इतनी ही तेज़ मेरी होंठ चुसाई करते हुए ही मेरे को मजा आ रहा था। मेरे गालों किस करते तो मेरी गर्दन पर किस करते मुझे मदहोश कर दिया था।

मेरे शरीर से खेलने लगे और धीरे-धीरे करके मेरे शरीर से सारे कपड़े उतार दिए अब मैं अपने पापा के सामने बिल्कुल नंगी पड़ीं थी। मेरा जिस्म बिल्कुल गोरा और सेक्सी था। वह किसी भूखे कुत्ते की तरह मुझ पर टूट पड़े। बूब्स के उभरे भाग पर अपना मुंह लगाने लागे। मेरे निप्पल को अपने मूंह से खींच-खिच कर पीने लगे। मुझे दर्द सा महसूस हुआ। फिर भी मजा आ रहा था.

मैं: आराम से पापा! दर्द होना लगता है

पापा: बड़े दिनों से इसे देख रहा था। आज इन्हें पीकर अपनी प्यास बुझाऊंगा।

इतना कहा कि वो दांतों से कट कर मेरे बूब्स को खिंचने लगे। मैं जोर जोर से “……अई…अई….अ ई……अई….इसस्स्स्स्…….उहह्ह्हा…..ओह्हहाहा….” की आवाज निकाली गई। फिर पापा ने अपने सारे कपड़े उतार दिए। मेरी छती पर बैठकर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया। उनका मोटा सांड लंड जैसा देखकर मेरी आंखें चौंधियां गईं। मेरी चुत में कीड़े काटने वाले लगे। अपना वो लंड मेरे गले तक पहुंचाए। मेरी सांसे फूलने लगी। मेरे को पापा का लंड खाना भारी पड़ रहा था। मेरी आँखे लाल लाल हो गई थी। आँखों से अपनी रिक्वेस्ट करने लगी। कुछ देर बाद मेरे मुँह से पापा ने अपना लंड निकाल लिया। अब मैंने चैन की सांस ली ही थी। तुरंत बाद मेरे पेट को चूमने लगे मेरी नाभि को चूसने लगे। 

पापा: वाह बेटा क्या मस्त चूत है तेरी! अभी तक इस रस का एक पत्ता किसी ने नहीं खोला है। आज मैं इस रस को पीकर इसका भरपूर आनंद लेता हूं। 

उन्होंने सबसे पहले मेरी चूत पर अपनी जीभ लगाकर चाटना शुरू किया। उसके बाद वह मेरी चुत की दीवार को खिच-खिच कर पीने लगे। मैं जोर जोर से “..अहहह्ह्ह्हहस्सीईईई….अअअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिस्कारियां लेने लगी। पापा ने मेरी चूत का सारा रस पीकर अपनी प्यास को भुजा लिया। अब वो अपनी हवस की प्यास को बुझाने के लिए मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगे। मेरी चूत लाल लाल हो गई।

मेरी चूत में उनका लंड बहुत ही मेहनत के बाद गया था। मेरी चूत में उनका लंड घुसते ही मै“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊं. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की जोर की चीख निकल गयी। मेरी चूत को चोदकर उसकी फाडू चुदाई कर रहे थे। अपने लंड को अंदर बाहर कर रहे थे। मैं मदहोशी होने लगी। 

चुत में पापा का लंड धमाल मचाये हुए थे। कुछ देर बाद मुझे दर्द से राहत मिली। मैं भी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी। वो जोर से अपना लंड मेरी चूत में टांगों को पकड़ कर चोदते रहे। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की चीख के साथ उनका साथ दे रही थी। पापा ने मेरी चुत को फाड़कर बुरा हाल कर दिया।

उसी समय मेरी चुत का माल निकल गया। पापा ने मेरी चुत का रस पीया। उन्होंने मेरी ठुकाई बंद कर दी। उनका लंड अब भी बहुत सख्त था. उन्होंने मेरे को घोड़ी बनकर मेरी गांड की छेद पर अपना लंड लगा लिया। और एक ही झटके में लंड मेरी गांड के अंदर घुसा दिया। मैं दर्द से चीखने चिल्लानें लगी। मेरी गांड को बहुत तेजी से चोदने लगे। वो जोर के झटकें मेरी गांड में लगाने लगे। उनका लंड भी कुछ शॉट लगाने के बाद स्खलित होने की स्थिति में आ गया। पापा ने मेरी चुदाई को और भी ज्यादा तेज कर दिया।

उन्होंने अपना सारा माल मेरे गांड में ही डाल दिया। उनका मौसम बनते ही उन्होंने मेरी उस रात कई बार चुदाई की।उस दिन से आज तक मैं मौक़ा पाते ही रोज पापा का लंड खाती हूँ। आपको स्टोरी कैसी लगी मेरे को जरुर बताना।


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