Mama Bhanji sex : मामा ने मुझे गोद में बिठाकर लम्बे लंड से मेरी गांड और चुत को चोदा
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मेरा नाम शिवानी है। मैं सुल्तानपुर की रहने वाली हूँ। मैं 24 साल की जवान लड़की हूं। अभी मेरा बीएससी फाइनल चल रहा है। मैं जवान और खूबसूरत हूं। मुझे देखते ही लड़कियों के लंड हो जाते हैं। जबसे मेरे पापा की मृत्यु हुई थी तब मामां ही घर के खर्च के लिए पैसे देते थे। वो बहुत अच्छे थे और मेरे, मेरे भाई और माँ का ख्याल रखते थे। धीरे धीरे मैं जवान हो हो गई मांमा की निगाह अब मुझे चोदने की हने लगी।
जब भी मामा जी आते थे तो मैं ही उनके लिए चाय का इंतजाम करती थी। इतना ही नहीं उन्होंने हमारे घर को खरीदने के लिए काफी पैसा दिया था पर मुझे नहीं मालूम था कि एक दिन वो मुझे चोदकर सब वसूल कर सकते हैं। एक दिन जब मैंने मामा जी को खाना देना शुरू कर दिया तो उन्होंने मुझे अपने पास बैठा लिया। और चिकनी चुपड़ी गंदी बातें करने लगे। और मुझे मोबाइल में गंदी वीडियो दिखने लगे। मुझे कुछ समझ नहीं आया।
मैं देखने लगी। धीरे-धीरे मांमा ने मुझे अपने से चिपका लिया और जबरदस्ती करने लगे। और मेरी गल पर किस कर दिया इस तरह से उन्होंने मुझे चुदाई का लेसन सिखाना शुरू कर दिया। मैं जब भी उनके लिए कुछ चाय नास्ता लेकर जाती हूं तो मुझे पास बैठा लेते और हाथ पर किस करने लगते हैं। अब मुझे समझ आया कि वो मुझे चोदना चाहते हैं। धीरे-धीरे मुझे भी चुदाई की इच्छा होने लगी। और मैं उन्हें कुछ नहीं कहती थी।
एक दिन घर पर कोई नहीं था मामा जी अचानक से हमारे घर आ गए। मैंने उसे समय टॉप पहन रखा था। उसे समय मैं बहुत सेक्सी दिख रही थी। मुझे देखकर मामा के मुंह में पानी आ गया। हर बार की तरह इसबर भी उन्होंने मेरे हथों पर किस किया। मेरे शरीर में सरसरी दौड़ गई। मुझे कमरे में लेकर बेड पर लिटा दिया और मेरे सारे शरीर पर जहां-तहां चुभने लगे। उन्होंने मेरे होठों को चूमना शुरू कर दिय। धीरे-धीरे मैं भी उनके साथ देने लगी। मैं चुदाने के लिए तैयार होने लगी।
मुझे गर्मी चढ़ने लगी। जोश आ गया और अब मेरा भी दिल अंदर से करने लगा। मैं भी जोश में उनके लिप्स पर किस करने लगी और दोनों साइड से होठ का किस चालू हो गया था। अब मुझे बड़ा आनंद मिल रहा था। मेरे लाल रंग के टॉप से मेरी 34 इंच की हरी भरी चुजिया मेरे मामा जी को दिख रही थी। वो हाथ लगाए टच करने लगे और दबने लगे। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईई….अअअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी।
आज पहली बार कोई मर्द मेरी चूचियां मसल रहा था। अब मैं चुदने के लिए तड़पने लगी। मामा ने मुझे फिर से गोद में लिया और चूची को पकड़ लिया। मामा की नज़रों में सिर्फ हवस थी। यहां मैं भी आज लंड खाने के मूड में थी। मामा जी समीज के ऊपर से मेरे दूध को मुंह में लेकर चूसने लगे। फिर से समीज भी उतरवा दी। अब मैं नंगी हो गई।
मेरे दूध वाइट थे और कसे कसे थे। जबकि मेरे निपल्स काले काले भूरे भूरे रंग के थे। मामा ने मेरी लेफ्ट साइड वाली चूची को पकड़ा और मुंह में डाल लिया और मस्ती से चुसने लगे। मैं बोली “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्स्…….उहाहाहा…..ओहाहाहा….” करने।लगे।
मेरी नर्म नर्म चेस्ट को अपने पैने दांतों से चौब चौबकर छलनी कर रहे थे। मैं कसक रही थी, भेड़ की तरह मीमिया रही थी। पर मामा जी मेरी जवानी क्रिस्चियन में मस्त थीं। फिर मेरी दूसरी छाती भी मुंह में लेकर पीने लगे। मैं जन्नत में पहुँच गयी थी। मांमा ने आज मुझे जवानी का सुख दिया था।
फिर मांमा ने मेरी पैंटी उतार दी मेरी मस्त मस्त चुत के दर्शन करने लगे। दोस्तों मैं तो काफी गोरी थी पर मेरी चूत सांवली सलोनी थी। मामा जी जीभ लगाए अपने रस चाटने लगे। मैं उछल पड़ी क्योंकि मुझे गुदगुदी हो रही थी। मामा जी मेरी चूत के फूल को अच्छी तरह मुंह लगाकर चाटने लगे। मैं अपनी कमर और गांड हवा में उठा रही थी, मुझे बहुत अधिक नशा मिल रहा था।
मेरी चूत में नुकीली जीभ लगाकर चूसो मैंने कहा उसके बाद तो मामा जी बड़ी चुद्दकड़ मर्द बन गईं और मेरे पैरों को फैलाकर मेरी बुर पीने लगे। जैसे लोग मलाई को चाटते हैं वैसे ही चैट रहे थे। मामा जी कई मिनट तक मेरी चुत के दाने को किसी रसीली लीची समझकर चूसते रहे। एक साथ भरपूर मजा मिला। फिर मैंने पानी छोड़ दिया। मेरी चूत से जो रस निकला उसे मामा जी ने पी लिया।
मामा की खुदी जीभ अब भी मेरी फुलानभरी चूत में सरक रही थी। मैं अपने पेट को बार-बार उठा रही थी। मैं पागल हो रही थी। मामा जी आज मेरी चुत को खाना चाहते थे। मैं चुदने के लिए मचल रही थी। हरी शंकर मामा ने अब अपनी पेंट निकाल दी। अपना कच्चा उतार दिया अपने 10 इंच के लंड को फेटने लगे। उनका लौड़ा किसी गिल्ड के लौड़े की तरह बड़ा सा था। फिर लंड को हाथ से पकड़ लिया और मेरी चूत की गद्दीदार वेदी को पीटने लगे।
फिर लंड को मेरी बुर के छेद में डालने लगे। मैं दर्द से काँप उठा। मामा का लंड मेरी चूत में घुस गया। अब वह मुझे चोदने लगे मैं तेजी से आवाज निकालने लगी।
“मामा जी और जल्दी जल्दी पेलो!! फाड़ दो मेरे भोसड़े को!! मैं किसी रंडी की तरह बोली। वो मेरी टाइट बुर में लंड घुसा कर मुझे बेदर्दी से चोद रहे थे। मुझे दर्द भी हो रहा था और आनंद भी मिल रहा था।
मेरी रस से भरी चूची को हाथ से दबाने लगे। मसलना, मसलना, लगे। मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। मेरा हाल बुरा कर दिया। हरी शंकर मामा जी अब मेरे स्तन पीकर मेरी चूत में अपना लन्ड डालकर चोद रहे थे।
अब वो और जोर से धक्का मारते हुए मेरी बुर में ही अपना वीर्य छोड़ दिया। मैंने उन्हें कसकर सीने सी लगा लिया। “मामा जी!! आज तुमने अपनी भांजी को चोद चोदकर अपनी रंडी बना दिया” मैंने कहा।
फिर मामा चले गये। कुछ दिन बाद वो फिर आये। मेरी माँ उसके पास बाते करने लगी। मेरी माँ अपना प्यारा भाई समझती थी पर माँ को क्या पता था कि उनके भाई ने ही उनकी बेटी को चोदा है।
शिवानी कहां है मामा ने कहा।
“लो भैया!! शिवानी आ गई” माँ मुझे देखकर बोली
मामा जी मुझे देखकर मुस्कुराने लगें। मैं अपने कमरे में चली गया। पीछे पीछे मामा आ गये और मेरे कमरे में घुस गये। मुझे पकड़ा और ओंठ पर ओंठ रखकर चुसने लगे। फिर मेरी सलवार के ऊपर से मेरी चूत हिलाने लगे।
“आप ये क्या कर रहे हैं??? माँ जान जाएगी” मैं घबराकर बोली।
जबरदस्ती मेरे कपड़े उतरवा दिये। दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और कुंडी लगा दी। मुझ पर नज़र डालें और कुत्तिया बना दिया। फिर जल्दी जल्दी मेरी कुंवारी गांड के भूरे छेद को चाटने लगे। मेरे मस्त मस्त गांड पर हाथ लगा हिलाने लगे। बहुत मजा मिल रहा था। मामा जी मेरी चूतड़ दबाने लगे दांत गड़ाकर काट लेते थे। मैं “उ उ उ उ……अअअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” कर रही थी।
फिर अंत में अपना अपनी पेंट निकाल दी मेरे पीछे आ गये और गांड के बिल में और लंड पर तेल लगा दिया और जल्दी जल्दी मेरी गांड चोदने लागे। मैं पागल हो रही थी।
मामा जी आज मेरी गांड चोदने का महान पर्व मना रहे थे। अपने हवस को प्यार से शांत कर रहे थे। तभी मम्मी ने कुंडी खटखटाई और कहा बाहर आकर चाय पीलो मैंने कहा शिवानी को लेकर अभी आता हूं।
उसके बाद जल्दी जल्दी मेरी गांड चोदने लगे और मजा काट रहे थे। मैं कुतिया बनी रही। फिर जोर जोर से धक्के मरने लगे और मेरी गांड में ही झड़ गए। अब मैं उनकी खस रंडी बन गयी हूँ। जब मन करता है मेरे घर आ जाता है। मेरे दोनों छेद में लंड गुस्सा कर पेलते हैं। आपको स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं।
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