College Professor Sex : अपने कॉलेज के सर की रंडी बन गयी और उनसे अपनी चुदवा ली
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College Professor Sex : अपने कॉलेज के सर की रंडी बन गयी और उनसे अपनी चुदवा ली
मेरा नाम सुकन्या सिंह है. लखनऊ की रहने वाली हूँ। मैं अभी 12वीं में पढ़ रही हूं। मेरा अफेयर मेरे दो टीचर से चल रहा है। मैं काफी सेक्सी लड़की हूं। अपने फोन में रोज ही चुदाई वाली ब्लू फिल्म ढूंढती हूं। मैं आप लोगों को अपनी पहली चुदाई की स्टोरी सुना रही हूं।
मैं पढ़ने में काफी कमजोर थी तो पापा ने कहा ट्यूशन पढ़ लिया कर। कुछ दिन बाद मैंने शाम के समय दोनों से ट्यूशन पढ़ना शुरू कर दिया। भारत सर और अभिजीत सर दोनों एक ही मकान में रहते थे।
पहले एक घंटा भारत सर से पढ़ी थी। फिर दूसरी मंजिल में अभिजीत सर के पास फिजिक्स पढ़ने चली गई थी। दोनों ने मुझे घूरते हुए देखा। वे दोनों मुझे चोदना चाहते थे
एक दिन भारत सर ने मुझे वैलेंटाइन डे कार्ड दिया। वास्तव में उन्होंने मुझे प्रपोज किया था। “सर!! आप मुझे अच्छा लगें। आप बहुत प्यारे हैं। पर मैं तुमसे काफी छोटा हूँ। इसलिए आप मुझे भूल जाइए” मैं बोली।
प्यार उम्र देखना नहीं होता है सुकन्या। प्यार तो प्यार होता है” भारत सर बोले और मेरे होंठों को अपने ओंठो से किस करने लगे।
“आई लव यू सुकन्या!!” भारत सर बोले।
मुझसे प्यार करने लगे। मेरे को किस करने लगे। दोस्तों, उस दिन भी मैंने लाल मीनी स्कर्ट और लाल शर्ट की ही पहनी थी। मैं भी भारत सर से चिपक गयी।
फिर उन्होंने अपनी शर्ट और पैंट खोलनी शुरू कर दी। फिर उन्होंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया। मैंने उनका लिंग देखा। सर बहुत गोरे और चिकने थे, इसलिए उनका लिंग भी बहुत गोरा था। इसकी लंबाई 7 इंच थी। यह बहुत लंबा और मोटा लिंग था।
सर ने सबसे पहले मेरी शर्ट खोली दी। मैं अब ब्रा में आ गया। फिर भारत सर ने मेरी मिनी स्कार्ट शेल स्टॉक्स। अब मैं पिंक ब्रा और पेंटी में थी। मेरे दूध पर पिंक ब्रा और पेंटी बहुत जंच रही थी। सर ने मुझे खुद से चिपकाया और सभी जगह किस करने लगे।
"सुकन्या तो आग लग रही है" सर बोले और ब्रा के ऊपर से मेरी चूची को पकड़ लें। मैं चुदासी आवाज़ में “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ……अअअअअअ आआआ….” करने. लगी. फिर भारत सर मेरे गाल पर चुम्मा लेने लग।
फिर एक बार भारत सर ने मेरी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और मुझे सोफे पर लिटा दिया।
भारत सर आंखे फाड़ कर मेरी चुत का दीदार कर रहे थे। फिर मुंह लगाए मेरी चुत जल्दी जल्दी चाटने लगे। मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था. मेरी रसीली चुत पर उनकी जीभ नाच रही थी। बड़ा मज़ा लेकर रहे थे। मैं गर्म हो रही थी।
सर तो इतने मज़ेदार से मज़ा रहे थे जैसे आज पहली बार किसी चूत को देख रहे थे। उन्होंने काफी देर तक बुर चुसाई की। मुझे अच्छे से गर्म कर दिया। अब मेरी चूत में आग की लहर भड़क रही थी।
अब सर अपने 7 इंची लौड़े का टोकरा मेरी चूत की गड्डी पर पीटने लगे। मुझसे बड़ी चुदास चढ़ाई रही थी। वो जोर जोर से लंड के सुपारे से मेरी चुद्दी की तारीफ कर रहे थे। मैं किसी मछली की तरह तड़प रही थी। ऐसा उन्होंने कुछ मिनट किया। फिर मेरी बुर में लंड जाने लगे। अंदर ही नहीं जा रहा था मेरी चुत सीलबंद थी। फिर किसी तरह की ताकत से जोर से धक्का मारके सर ने लंड में मेरी चूत उधेड़ दी। मुझे बहुत दर्द हुआ। मैं …..ऊऊ ….ऊं. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” कर रही थी।
किसी से लंड नहीं खाई थी। इसलिए आज जब पहली बार लंड खा रही थी, मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैं फ़्लैश पर लेटी हुई थी और भारत सर मेरे ऊपर चढ़े हुए थे। मैं दोनों टांगों वाला जापानी जुना रही थी। भारत सर को बड़ी ऐश मिल रही थी
वो धक्के पेल करके मेरी चूत की बढ़िया से कुट्टी कर रहे थे। अपनी गांड उठा कर मेरी चूत की बांसुरी बजा रहे थे। मैं दोनों हाथों से कैसे पकड़ी गई थी। सर मेरे चिकने गोरे गालो को कामोतेजक और काट लेते थे। फिर ओंठो पर किस करते हुए मेरी चूत में लंड से चोद रहे थे।
अब वो तेज तेज मेरी रसीली बुर में अंदर तक धक्का लगाने लगे। भारत सर का लंड मेरी बच्चेदानी के मुँह तक चला जा रहा था। उन्होंने मेरे होश उड़ा दिए। उन्होंने मुझे बहुत जबरदस्त के साथ चोदा। फिर वह झड़ने लगे। सर कुछ मिनट बाद मेरी रसीली चुद्दी में झड़ गए। मेरी चूत उनकी माल से भर गई थी। और फिर घर चली गयी। दूसरे दिन मुझे फिजिक्स वाले अभिजीत सर भी लाइन देने लगे।
“सुकन्या!! तुम मुझे बहुत अच्छे लग रहे हो!! मैं तुमसे प्यार करता हूँ सुकन्या!” अभिजीत सर ने कहा।
“सर!! मेरा अफ़ेयर तो भारत सर से चल रहा है” मैंने बोल दिया
“मुझे कोई दिक्कत नहीं है।” भारत तुम से भी अफेयर कर लो और दोस्ती भी। मैं सुबह से शाम तक सिर्फ इसी बारे में सोचता रहता हूं। मैं बिना एक दिन भी नहीं जी पाऊंगा” अभिजीत सर बोले।
उन्होंने अपनी सेलरी निकाल कर मेरे हाथों में रख दी। पूरे 15 हजार रुपये थे. पैसे देखकर मैं बहुत खुश हो गया था। मैंने तुरंत ही सोच लिया कि अभीजीत सर से भी मैं पट जाऊंगी।
“ओके सर!! आज से आप भी मेरे दोस्त हो” मैं बोली
“धन्यवाद सुकन्या!! मैं बात नहीं सकता कितना खुश हूं।
उसके बाद वो मैरी फ्रेंच किस करने लगे। वो मेरे लब चुस रहे थे,
सर ने मेरी टी शर्ट और पेंट निकाल दी। अब मैं ब्रा और पेटी में थी। फिर सर भी अपनी टी-शर्ट्स और पेंट निकलती। फिर मेरी ब्रा पेंटी भी निकलती अब मैं बिल्कुल नंगी थी।
मेरा लंड पूरा 9 इंच का है। जब गर्लफ्रेंड की चुदाई होगी तो तुम फुल डेट पर जाओगे!'' अभी सरजीत बोले।
“आओ सुकन्या!! अपने मुँह में मेरा लंड डालो!!'' अभिजीत सर बोले।
फिर लंड के छेद पर जीभ लगाना चाटने लगी। सर सी सी ई ई… करने लगे। मेरी इच्छा अब बढ़ गई और किरायेदार लंड को अपने मुंह में रख लिया, चेहरे पर घिसने लगी। अपनी चूची पर घिस रही थी। सर मुस्कुरा रहे थे।
मैं भी चुदक्कड़ लड़की बन गयी थी। सर हिलाकर मुंह में लेकर मेहनत से डूबी थी। सर मेरे सिर को पकड़ कर आगे पीछे कर रहे थे। मेरे गले तक छोड़ रहे थे। इस तरह से हम दोनों काफी मजा कर रहे हैं। मैंने मुहं मिथुन करके बहुत मजा दिया था।
“सर!! पहले क्या चोदेंगे मेरी चूत या गांड??” मैं बोलने लगी
“सुकन्या!! मुझे तो गांड कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता है” वो बोला।
सर ने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं बन गया। दोस्तों मेरी बिल्कुल गांड कुंवारी थी। अभीजीत सर मेरी जवानी को देखकर मस्त थे। मेरी गांड की ख़ासियत सेक्सी थी। छोटा पतला और काला था। अभिजीत सर बड़े उचक हो गए और अपनी जीभ निकालकर मेरी गांड का कच्ची चाट रहे थे। मैं “उ उ उ उ……अअअअअअ आआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”बोलकर सिसक रही थी।
मुझे प्रत्यक्ष था आज जो भी हो जाए वो मेरी गांड चोद के रहेंगे। फिर वो अपनी तरफ से फुल फ़ोर्स स्थापित किया और मेरे कुवारे गांड के बिल में अपना 9 इंची का कड़क लैंड डाल दिया। दोस्तों मुझे बहुत दर्द हुआ था की मेरे आशु निकल रही थी। अभिजीत सर मजे ले रहे थे और मैं वहां दर्द से तड़प रही थी। सर अब अपने मोटे लंड को मेरे छेद में अंदर बाहर कर रहे थे। मुझे काफी दुःख हो रहा था। फिर अभिजीत सर बड़ी जल्दी जल्दी मेरा गांड चोदने लगे। फिर वह गांड के अंदर ही झड़ गये
दोस्तों, दोस्तों अब मैं एक दिन में दो-दो बार चुदाने लगी। दोस्तों अब मैं बिल्कुल चुडक्कड़ रंडी बन गई थी। अब मैं ट्यूशन पढ़ने नहीं बल्कि, कभी अपनी गांड तो कभी अपनी चुत चोदने के लिए जाती थी।
दोस्तों यह कहानी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताइए।
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