चुद गई अपने किरायेदार लड़कों से
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दोस्तों मेरा घर नोएडा महानगर में है। मैं एक बहुत ही बड़े घर की बेटी हूं। मेरे पापा का बहुत बड़ा खुद का एक बिज़नेस है। मेरे बड़े भाई भी पापा के काम में हाथ बटाते हैं। मेरा घर बहुत बड़ा है। मेरे घर के पीछे वाले कमरे में कई सारे लड़के रहते हैं। वो यहां तैयारी करने आये थे। वो सारे के सारे बहुत ही स्मार्ट थे। मेरी उम्र 26 साल है. मैं देखने में बहुत ही सेक्सी हूं। मेरी आकृति 34 30 36 हैं। मेरी गाँड बहुत ही खूबसूरत सुंदरता वाली है। मेरी जब गांड मैं चलती हूँ तो धमाल मचाती है। मेरे बुब्स बहुत ही बड़े और नरम है।
धीरे-धीरे हम लोग एक दूसरे के दोस्त बन गए। फिर मुझे उनका नाम पता चला। रोहित, अभय और अभिषेक तीनो का नाम था। हम एक दूसरे के बहुत करीब हो गए। एक दिन कमरे पर अभिषेक ही था। उस दिन मुझे उसने चूमा। कुछ देर तक चुम्मा वाला ही प्रोग्राम चला। बाद में सब आ गये। तो वही प्रोग्राम ऑफर किया गया।
एक दिन सभी लोग मेरी भाभी के घर किसी पार्टी में चले गये। मैं उस दिन चुदने के मूड में थी। मैंने जाने से मना कर दिया। घर से सब लोग चले गये। रात के 8 बजे गये थे. मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैं उनके कमरे पर चली गयी। फिर बात करने लगे। बात करते हुए मुझे अभिषेक किस करने लगा। क्योंकि वो मुझे पहले भी चुम चुका था। ये देख कर कुछ देर बाद सब एक एक करके किस करने लगे।
अभिषेक मेरे गुलाबी होंठों को चुम रहा था। मैं भी उसकी अच्छी तरह से साथ दे रही थी। वो मेरे गुलाबी मखमली होंठों को चुम कर लाल लाल कर दिया। अभय मेरी पीठ पर कंधे को सहिलाते किस कर रहा था। रोहित मेरी गांड को दबा रहा था। अभिषेक अपने लंड को गांड में चुभाते हुए मेरे बूब्स दबा रहा था। मैं भी गर्म होने लगी। तीनो बोलने लगे. साली तुझे कब से ताड़ता था. आज जाके चोदने का मौका मिला है।
रोहित और अभय अपना कच्चा निकाल दिया। दोनों अपने बड़े बड़े लंड को निकाल कर मेरे मुंह के सामने लगाने लगे। मै उनका लंड बारी-बारी चुसने लगी। तीनो अपना हाथ मेरे जिस्म में लगा रहे थे। अभिषेक मेरी चुत में अपना हाथ लग रहा था। मैं चोदने को बेहाल हो रही थी। अभय पीछे से मेरी गांड में अपना लंड लग रहा था। अब तीनों ने बारी-बारी से मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब मैं तीनों के सामने बिल्कुल नंगी थी।
अभिषेक ने मेरी टांगो को फैलाकर मेरी चूत के दर्शन किए। मेरी चूत को तीनों देख रहे थे। अभिषेक मेरी चूत के बहुत करीब था। मेरी चूत को हाथों से छूकर अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। मेरी चूत चाटने लगा। मेरे मुंह से सी..सी …सी …सी …सी ..सी इस्स्क… की आवाज निकल गई। मैं गरम हो गई थी। मैं कहने लगी. “माँ के लौड़े….तेरी बहन की चूत….तेरी माँ की चूत….चाट और चाट मेरी चूत को!!! और अच्छे से पी मेरी चूत!!”चट-चट और चाट आह….चाट। इतना कह ही रही थी कि अपना अभय मोटा लंड मेरे मुंह में रख दिया।
मेरा मुँह उसके लंड ने भर दिया। मैं कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। अभिषेक मेरी चूत की दोनों गुलाबों की पंखुड़ी को बारी-बारी से चॉच कर चूत के दानों को काट रहा था। मैं अब रोहित का लंड हाथ में पकड़ कर मुठं मार रही थी। अभय अपना लंड मेरे मुँह से निकाल कर मेरी चूत चाटने में लगा। मैं गर्म हो गई थी। वो अपनी जीभ मेरी चूत में जगह-जगह तक डाल-डाल कर चाट रहा था। अभिषेक से बड़ा मजा दे रहा था। मेरी चूत चाटकर उसने मुझे चुदाई के लिए बायकुल कर दिया।
अभिषेक कांडोम लगा के आ गया। वह बोला. “ले ले ले!! रंडी!! आज जी भर चोदुगा !! आज मेरा मोटा लंड खा ले रंडी!!” वो अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख दिया। उसने झटका दिया और उसका आधा लंड ही अंदर चला गया होगा की मेरी चूत फट गयी। मैं जोर से चिल्लाई “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ……अअअअअअ आआआ….”।
एक और झटके के बाद पूरा लंड मेरी चूत में चला गया। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊं. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” चिल्लाती रही। वो मुझे चोट पे चोट दिये जा रहा था। रोहित मेरे बूब्स दबा रहा था। में चुदाई से आनंदित मस्त थी। अभय भी कॉन्डोम व्याख्याएँ। अभिषेक मुझे चोद रहा था। चोदो चोदो…. आज मेरी चुत फाड़कर इसे भरता बना डालो…।” वो जोर जोर से चोद रहा था।
अभिषेक ने अपने लंड को बाहर निकाल कर मेरे मुंह में रख दिया। अभय अब मेरी टांगो को उठा दिया। मैं एक पैर पर खड़ी थी । एक टांग को उठाकर अभय ने अपना लंड मेरी चुत में घुसा दिया। वो भी अब मुझे चोदने लगा। मैं अभिषेक का लंड चूस रही थी। अभय चुदाई की रफ़्तार बढ़ाता ही जा रहा था। मैं “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सीसी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” बोल रही थी।
अभय ने मुझे छोड़ा ही था कि रोहित ने मुझे पकड़कर अपना लंड मेरी चुत में डाल दिया था। उफ्फ कितना बड़ा और मोटा लंड था। मेरी चूत दुपुर दुपुर कर रही थी। वो मेरी चूत को चोद रहा था। मुझे चोदना इतना मस्त था की मेरी चूत ही क्यों ना फट जाये। आज मेरी चूत चोद चोद कर भरता बना डालो ।”छोड़ो आज चोद कर इसे भरता बना डालो। कचरा कर डालो मेरी चूत का कुचल डालो आज इसे चोदो चोदो। रोहित मेरी जान चोदो आज चुदाई का पूरा आनंद दो मुझे।
में कई बार झड़ गई थी। मैं भी उछल उछल कर चुदवा रही थी। मैं भी उसके लंड को ऊपर नीचे झुका रही थी। कुछ देर बाद जब मुझे अभिषेक चोद दिया गया। फिर तीनों ने एक बार फिर मुझे कुत्तो की तरह चाटना शुरू किया। मैं भी चुदाई से अब खुश हो गई थी। मुझे खड़ा कर दिया। अभय मेरी चुत को चाट कर उसकी सारा निकला पानी चाट रहा था। रोहित मेरी गांड सहला रहा था। अभिषेक मेरे बूब्स को मुंह में लेकर चूसने लगा। ऐसा लग रहा था कि आज तीनों मुझे खा जाएंगे।
मैं फिर से और गरम हो गई। अभिषेक ने मेरा हाथ पकड़ा और अभय ने मेरी दोनो टांगो को फैला कर उसके बीच में अपना लंड रखकर मुझे उठा कर चोदने लगा। उसकी चोदने की स्पीड बहित ही बढ़ गयी थी। मेरी चुत फटने को तैयार हो रही थी। मुझे बहुत तेज़ दर्द हो रहा था। थोड़ी देर बाद वह झड़ने वाला था उसने अपना सारा माल मेरे मुंह में निकाल दिया। और मैंने उसे पी लिया। मुझे ऐसा लग रहा था कि अब मैं उनकी चुदक्कड़ रंडी बन गई हुं।
उसके बाद अभिषेक ने अपना लन्ड मेरी गांड में घसा दिया। मैं रोने लगी चिल्हने लगी मुझे बहुत दर्द हो रहा था। धीरे-धीरे स्पीड बढ़ा दी मुझे मजा आने लगा बहुत तेजी से वह मेरे गांड चोद रहा था। मेरी गांड में ही अपना सारा माल गीरा दिया। उसके बाद रोहित ने मेरी चुत का पकोड़ा बना दिया। और अपना सारा माल मेरे मुंह पर डाल दिया।
उसके बाद हम लोगों को जब भी मौका मिलता तो मैं उनसे दब कर चुदतीं। कभी-कभी तो वह पूरी रात भर मुझे चोदते रहते थे। मैं उनकी चुदक्कड़ रंडी बन गई थी। दोस्तों यह कहानी आपको कैसी लगी हमें जरूर बताएं।
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