भैया ने आज मुझे चोदा बाथरूम में - Bhaiya ne aaj mujhe choda baatharoom mein
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मेरे प्यारे दोस्तों मैं रम्भा हूँ मेरी उम्र 20 साल है। मैं पूणे में रहती हूँ पढाई करती हूँ। हॉट हूँ मस्त हूँ गदराया बदन है मेरा 34 साइज की ब्रा पहनती हूँ सेक्सी पेंटी पहनती हूँ। गोरी हूँ बाल लम्बे है।
मेरे भाई का नाम सुनील है मेरे से 10 मिनट बड़ा है यानी मेरा जुड़वा भाई है। हॉट है सेक्सी है जिम जाता है तो बॉडी भी मस्त है कोई भी लड़की अगर ध्यान से देखे तो गारंटी है उसकी चूत गीली हो जाएगी बहुत ही हैंडसम है मेरा भाई। हम दोनों साथ में रहते हैं एक साथ ही पढाई करते हैं। कानपूर की रहने वाली हूँ। पुणे में रहकर पढ़ती हूँ। एक कमरे ही दोनों रहते हैं
जब तक पुणे में हैं तब तक अपनी ज़िंदगी जियें। बाहर मुँह मारने से अच्छा है घर में ही अपनी जरूरतों को पूरा कर लें।
दोस्तों पर ये इतना आसान नहीं था। सेक्स तक बात पहुंच जाये। पर हम दोनों के मन ये लड्डू फूटने लगा की आज ना कल हमदोनो एक दूसरे के बाहों में होंगे। पर मुझे नहीं पता था की सुबह की बात और शाम तक सच हो जाएगी। और हुआ भी यही से शुरू हुई हम दोनों की चुदाई की कहानी .
दोपहर को मेरा भाई नहाने बाथरूम में गया तो आज वो दरवाजा नहीं लगाया। और अपना तौलिया भी नहीं ले के गया। मैं तब तक नास्ता बना रही थी। तभी वो आवाज दिया की रम्भा मेरा तौलिया देना। मैं तुरंत ही गैस बंद करके तौलिया देने गई तो देखि दरवाजा खुला हुआ था।
पहली बार मैं लंड देखि भाई का। मोटा लंबा और तना हुआ खड़ा था ऐसा लग रहा था की सलामी दे रहा हो। मैं बोली ये क्या है। तो वो बोला शर्माना कैसा ? मैं बोली हां ये सब तो ठीक है पर ये खड़ा कैसे हो गया नहाते नहाते तो मेरा भाई बोला तेरी याद में।
इतना सुनकर मैं पानी पानी हो गई। मेरा भी मन मचल गया। मैं अपना नज़र निचे कर ली। तभी वो अपना हाथ आगे बढ़ाया। मैं तीन चार सेकंड सोची और फिर अपना हाथ उसके हाथ पर रख दी।
हाथ देते ही वो मुझे बाथरूम में खींच लिया और शावर (नहाने का झरना) चला दिया मैं तुरंत ही भीग गई। मेरे कपडे बदन पर चिपक गए। मैं अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी। तो टीशर्ट भीगते ही चूचियों में उभर आ गया निप्पल तक साफ़ दिखाई देने लगा। मैं दोनों हाथो से ढकने की कोशिश करने लगी क्यों की मुझे शर्म आने लगी।
होठ पर अपना होठ रख दिया। उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी। मेरी भी साँसे तेज और गरम हो गई थी। मैं तुरंत ही पलट गई। मेरा भाई मेरे पीठ को सहलाते हुए मेरी चूतड़ को सहलाने लगा गोल गोल मस्त गांड।
दोस्तों पहली बार ऐसा लग रहा था। उसने मुझे वाइल्ड तरीके से चूमने लगा मैं भी जोश में आ गई और मैं भी उसको चूमने लगी।
मेरी चूचियों को मुँह में ले लिया और ऐसे करने लगा जैसे की एक भूखा बच्चा हो और अपनी माँ के छाती को पि रहा हो। दोस्तों क्या बताऊँ मेरे रोम रोम खड़े हो गए थे निप्पल काफी टाइट हो गया था। मैं अपने आप को रोक नहीं पा रही थी।
उसका मोटा लौड़ा पकड़पर मैं अपने मुँह में ले ली। दोस्तों आजतक मैं कभी इतनी प्यारी चीज को मुँह में नहीं ली। भले ही कोई स्वाद जीभ का नहीं था पर मेरे रोम रोम तार तार हो रहे थे। मेरी चूत गीली हो रही थी चूचियां बड़ी हो रही थी कांटेदार निप्पल हो गया था।
फिर मैं वही लेट गई। वो मेरी टांगो के बिच में आ गया। और मेरी चूत को चाटने लगा।
मेरे दांत खुद ही होठ को काट रहे थे और सिसकारियां निकाल रही थी मैं। उसके बाद उसने अपना लौड़ा मेरी चूत पर सेट किया और घुसाने लगा।
उसने सेम्पु लगाया लंड पर और फिर से घुसाने की कोशिश करने लगा पर लौड़ा इधर उधर हो जाता था। अंदर जाने वजाय इधर उधर।
पहले तो लंड का सुपाड़ा अंदर गया और दो तीन धक्के दिए फिर लौड़ा आधा गया। मैं आह आह आह आह कर रही थी। दर्द भी हो रहा था और अच्छा भी लग रहा था। उसने धीरे धीरे कर के लौड़ा अंदर घुसा ही दिया।
दोस्तों अब मैं चुदवा रही थी दर्द भी नहीं हो रहा था। वो जोर जोर से धक्के दे रहा था। अब मैं भी जोश में आ गई और दांत पिसती हुई बोली चोद और जोर से चोद।
फिर हम दोनों अपने कमरे में आ गया और बीएड पर लेट गए ,टाँगे अलग अलग किये मेरा भाई बिच में बैठ गया लौड़ा फिर से चूत में डाला और शुरू हो गया जोर जोर से। अब असली चुदाई का मजा आने लगा था। पूरा बेड हिल रहा था। आह आह मैं कर रही थी वो चोदे जा रहा था।
दोस्तों कभी आगे से कभी पीछे से कभी ऊपर से कभी निचे से खूब चुदवाई। आज शाम को चार बजे तक यही सब चलता रहा। आज धन्य हो गई चुदवा कर। मजा आ गया। हो सकता है कल मैं गांड मरवाउंगी।
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